साँगवान
साँगवान कौन हैं ?
यह एक ऐसा विचार है जो मन में खलबली मचा देता है। जब छोटे थे तब सुना था की जाट हैं।
माँ पिताजी से पुछ्ते थे की यह जाट कौन होते हैं
जवाब मिलता था की यह एक किसान कौम है मेहनतकश कौम है।
फिर दिमाग में विचार आता था की हिन्दू कौन है ?
इस चार वर्ण में हम किस वर्ण में हैं कभी क्षत्रिय कभी वैश्य
खेती देख कर लगता था की हम शूद्र हैं।
बात ज़मी नहीं।
प्रश्न पूछते थे तो संतुष्टी नहीं होती थी।
अपने आप को हिन्दू में मानने को तैयार नहीं थे बाकी धरम का तो सवाल ही नहीं होता था। घूमफिर कर वहीं हिन्दू के पाले में। Back to square one
ज़िंदगी बीतती गई घर में आर्य समाज का समावेश भी था हवन होते थे तो आर्यसमाजी यह एक जीवनशैली का हिस्सा थी। माँ पिता ने संस्कार दिए वैसुधैव कुटुम्कम का सिद्धांत अतिथिदेवो भव सर्वोपरि।यह देख कर बड़े हुए।
यह चर्चा तो चलती रहेगी इसका कोई अंत नहीं है अब हमें सांगवान कौन हैं इसका ज्ञान अर्जन करना है। मेरे हिसाब से जाट स्वयं में एक धर्म है यह किसी बात का मोहताज़ नहीं है। मैं जाट धर्म को किसी भी धर्म की शाखा नहीं मानता अब धक्के से किसी और गाडी के पीछे भागो तो क्या कर सकते हैं उसका कोयो इलाज नहीं है।
अब आपको पढ़ते पढ़ते कुलबुली होने लगी
होने लगी ना
अरे भाई हां बोल दो
सुना नहीं
माड़ा जोर ते
रोटी कोणी खाई के
कोई न सांगवान है तेरी गलती कोणी
अपने आप को हिन्दू ही मानेगा। चलो एक बार हिन्दू पक्ष के साथ आगे बढ़ते हैं।
सांगवान एक जाटों का गोत्र है जो हिन्दू की आर्य प्रजाति में पाया जाता है।
इतिहासकार बिकाऊ, चाटुकार, सच्चाई को तोड़ मरोड़ कर पेश किया और गलत इतिहास पढ़ाया गया। हमें यूरोप से आया बताया गया
हमारा देश का समृद्ध इतिहास रहा है यूरोप तो अपने जंगल जा के हाथ नहीं धोता , नहीं कोई जीवन शैली संस्कार वहां क्या है मैं भी पता नहीं कहां चला गया बेकार की बात में जा फसा ,न्यू हमने जाट कौन कहवे था ऊपर से सांगवान।
हां तो मैं कह रहा था जो पाकिस्तान से आये थे उनसे पूछो तो caste क्या है गोत्र को ही caste बताएंगे
हम भी जो शहर में आ गये गाम आला में बांस आवन लागी। बड़े लोग हो गए मतलब औकात और अपना वज़ूद खोने लग गए।
कोई पूछता है की आपकी caste क्या है आप जाट की बजाय सांगवान को caste बनाते हो उनकी नक़ल करते हो। सांगवान तो आपकी sub caste है। जो पाकिस्तान से आये थे सन सैतालिस में वे तो मामे के बेटी,मौसी की बेटी से भी शादी करते हैं जो अच्छा मानते हैं जैसा की दक्षिण भारतीय हिन्दू भी शादी करते हैं, लड़की की शादी खुद के मामा के साथ भी कर देते हैं। यहाँ मेरे कहने का तात्पर्य यह है की यह जाट कौम ही बची है इसके ताने बाने पर प्रहार हो रहे है।
बँधा टूट चूका है साम सको तो साम लो ना तो जय राम जी की स :
अब आप सोचोगे की सांगवान की तो कोई चर्चा नहीं की खामखा आँख फोड़ी
कोई बात नहीं खेत बीजने से पहले तैयार करना पड़ता है सरसों एक दिन हथेली में हरी कोणी हुवे।